चींटी (पिपलिकाएँ )
चींटी कॉलोनियों में आमतौर पर विभिन्न जातियां होती हैं| जिनमें श्रमिक, सैनिक और एक रानी शामिल होती हैं | वे अपने मजबूत कार्य नीति और फेरोमोन नामक रासायनिक संकेतों के माध्यम से एक दूसरे के साथ संवाद करने की उनकी क्षमता के लिए जाने जाते हैं | चींटियां सर्वाहारी होती हैं, जो कीड़े, अमृत, फल और यहां तक कि मानव भोजन सहित पदार्थों की एक विस्तृत श्रृंखला पर खिलाती हैं|
चींटी को आपने कभी गौर से देखा है? जो कभी आपके घर के बारमदे में घूमती रहती है, तो कभी सड़क के इस पार तो पल में कभी सड़क के उस पार दिखाई देने लगती है| जो थोड़ी सी थकान से राहत पाने के लिए और सीतलता की प्यास बुझाने के लिए कभी हमारे बाथरूम में हमें दिखाई दे जाती है |
कितनी छोटी सी होती है न इनकी ज़िन्दगी पल मृत्यु इनके मस्तिष्क पर खड़ी रहती है , परन्तु इसके पश्चात भी ये अपने परिवार के लिए, अपने जीवन यापन के लिए हर क्षण मृत्यु से प्रतिस्पर्धा करते रहती हैं |
आप ये सोच रहे होंगे ये तो मात्र चींटियां हैं इनकी कैसी मृत्यु से पल-पल स्पर्द्धा ,मैं आपको बता दू की ये चीटियां भी अपने घर में सुरक्षित रह सकती हैं, किन्तु ऐसा नहीं है ये प्रतिदिन अपने लिए भोजन की तलाश में इधर - उधर भटकती रहती हैं | और इनके ऊपर मृत्यु हर पल इस प्रकार बनी रहती है , कभी मनुष्य के पैरों के निचे आके कुचले न जाना,तो कभी कभी किसी पक्षी द्वारा उसका भोजन न बन जाना,कभी कहीं पानी के तेज बहाव से उनकी मृत्यु |
सिर्फ यही है एक चींटी की ज़िंदगी हर पल परीक्षा और परिश्रम से परिपूर्ण |